कुमारी पूजन कैसे करे ? Navratri me kumari pujan ka mahatva |

 

कुमारी पूजन कैसे करे ?

कुमारी पूजन कैसे करे ?


एक वर्ष तक की आयुवाली कन्या का पूजन वर्ज्य है |

इसलिए 2 वर्ष से 10 वर्ष तक की कन्या का पूजन ही करना चाहिए |

2 वर्ष की कन्या का नाम कुमारी है |

3 वर्ष की कन्या का नाम त्रिमूर्ति है |

4 वर्ष की कन्या का नाम कल्याणी है |

5 वर्ष की कन्या का नाम रोहिणी है |

6 वर्ष की कन्या का नाम काली है |

7 वर्ष की कन्या का नाम चंडिका है |

8 वर्ष की कन्या का नाम शाम्भवी है |

9 वर्ष की कन्या का नाम दुर्गा है |

10 वर्ष की कन्या का नाम भद्रा है |


स्वयं के वर्ण की कन्याओ को उत्तम समझे पूजा के लिए |

अपितु किसी भी वर्ण की कन्या का पूजन किया जा सकता है |

नित्य एक एक कन्या का पूजन किया जा सकता है |

या नवमी के दिन नव कन्याओ का पूजन एक साथ किया जा सकता है |

कन्या या कन्याओ को घर में बुलाकर आसन पर बैठकर सर्वप्रथम दोनों हाथो से नमस्कार कर के उनका आवाहन की प्रार्थना करे |

मंत्राक्षरमयीं लक्ष्मीं मातृकां रुपधारीणीं |

नवदुर्गात्मिकां साक्षात कन्यामावाहयाम्यहं ||

जगतपूज्ये जगद्वन्द्ये सर्वशक्तिस्वरूपिणि |

पूजां गृहाण कौमारी जगन्मातर्नमोस्तुते ||


इस तरह से प्रार्थना करने के बाद कन्याओ का "कं कुमारिकायै नमः" यह सरल मंत्र से पूजन आदि करे |

टिका लगाए

मौली बांधे |

उनके पैर धोये | ( जल या दुग्ध से )

उनको पिने के लिए जल दे |

भोजन कराये |

पश्चात उन्हें भेट अर्पण करे |

उनके पैर छूकर आशीर्वाद ले |

और उन्हें नमस्कार कर के विदाय दे |


|| अस्तु ||

कुमारी पूजन कैसे करे ? Navratri me kumari pujan ka mahatva | कुमारी पूजन कैसे करे ? Navratri me kumari pujan ka mahatva | Reviewed by Bijal Purohit on 11:16 am Rating: 5

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