ऐं बीज मंत्र | Aim Bij Mantra |

 

ऐं बीज मंत्र

 ऐं बीज मंत्र


यह एक ऐसा एकाक्षरी मंत्र है जिनके सम्पूर्ण अनुष्ठान से साधक बृहस्पति के समान बन जाता है |

जो मूक होते है वो बोलने लगते है |

जो बच्चे पढाई में कमज़ोर है, जिनकी याददाश्त कम हो वो भी इसकी साधना कर सकते है, जो मार्केटिंग फील्ड में है उनके लिए भी यह साधना अनुभूत है

इस मंत्र के जाप से विद्वत्ता प्राप्त होती है |

इस मंत्र को वाग्बीज भी कहा जाता है | यानी वाणी का बीज |

वाग्भव बीज भी कहा जाता है |

इस मंत्र को भुवनेश्वरी का बीज भी कहा जाता है और माँ सरस्वती का बीज भी कहते है |

इस मंत्र की साधना में विनियोग-न्यास-ध्यान-साधना का विधान है |

मंत्र साधना किसी भी गुरूवार से आरम्भ कर सकते है |

या नवरात्री में भी कर सकते है |

बसंतपंचमी के दिन भी इसकी साधना की जा सकती है |

इस मंत्र की साधना के लिए रुद्राक्ष या स्फटिक की माला का प्रयोग करना चाहिए |

इस मंत्र के 12 लाख जाप करने चाहिए | इसे सिद्ध करने के लिये सूर्यग्रहण उत्तम है | विद्यार्थीओ को इस की प्रतिदिन 11 माला करने से वाकसिद्धि प्राप्त होगी और पढाई में भी शुभ परिणाम प्राप्त होगा |


"ऐं" बीज मंत्र साधना

विनियोगः

अस्य मंत्रस्य ब्रह्माऋषिः, वाग्देवी देवता ममाभीष्टये विनियोगः


न्यास:

ऐं अङ्गुष्ठभ्यां नमः | ऐं तर्जनीभ्यां नमः | ऐं मध्यमाभ्यां नमः |

ऐं अनामिकाभ्यां नमः | ऐं कनिष्ठिकाभ्यां नमः

ऐं करतलकर पृष्ठाभ्यां नमः

ऐं हृदयाय नमः | ऐं शिरसे स्वाहा |

ऐं शिखायै वौषट | ऐं कवचाय हुम् |

ऐं नेत्रत्रयाय वौषट | ऐं अस्त्राय फट ||


ध्यानं 

या देवी सर्वभूतेषु विद्या रूपेण संस्थिता

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः || 


मंत्र: "ऐं"

अनुष्ठान विधि

प्रथम अनुष्ठान - 12000 ( 120 माला + तद्दशांश यज्ञ-तर्पण-मार्जन )

द्वितीय अनुष्ठान - 1 लाख मंत्र ( 1000 + तद्दशांश यज्ञ-तर्पण-मार्जन )

तृतीय अनुष्ठान - 12 लाख मंत्र ( 12000 + तद्दशांश यज्ञ-तर्पण-मार्जन )


इस मंत्र के विषय में कई ग्रंथो में कथा और प्रमाण भी प्राप्त होते है |


 || ऐं मंत्र साधना सम्पूर्णं ||

ऐं बीज मंत्र | Aim Bij Mantra | ऐं बीज मंत्र | Aim Bij Mantra | Reviewed by Bijal Purohit on 11:42 am Rating: 5

कोई टिप्पणी नहीं:

Blogger द्वारा संचालित.