पितृ मन्त्र | Pitru Mantra |
पितृ मन्त्र
पितरो का एक ऐसा मंत्र जिनके केवल तीन बार स्मरण करने मात्र भर पितृ प्रसन्न होकर खुश रहते है |
पितृ दोष निवारण में यह सहाय करता है |
किसी भी ग्रहदोष करने में सहाय करता है |
घर में कलह रहता हो तो वो शांत हो जाता है |
वंशवृद्धि में भी लाभदायक है |
दरिद्रता का विनाश करता है |
स्थिर लक्ष्मी देता है |
आरोग्य स्वस्थ रखता है |
सर्वस्व देनेवाला है यह पितृ मंत्र |
खासकर इसमें कहा है जब भी घर में श्राद्ध हो उससे पूर्व तीन बार इसका स्मरण करके श्राद्ध करने से श्राद्ध कर्म सफल होता है |
|| पितृ स्मरण मंत्र ||
ॐ देवताभ्यः पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च |
नमः स्वधायै स्वाहायै नित्यमेव नमोऽस्तुते || ( भवन्तु ते )
अपने पितरो का. नित्य स्मरण करके केवल तीन बार इसका स्मरण करे ||
|| पितृमंत्र समाप्तः ||
पितृ मन्त्र | Pitru Mantra |
Reviewed by Bijal Purohit
on
1:34 pm
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