पंचामृत कैसे बनाया जाता है ? Panchamrut kaise Banaya jata hai ?
पंचामृत कैसे बनाया जाता है ?
पंचामृत यानी पांच प्रकार के अमृत जिनसे भगवान् की पूजा भी की जाती है | आध्यात्मिक दृस्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है खासकर जब जब शिव अभिषेक होता है या किसी भी भगवान् की पूजा में अभिषेक के लिये पंचामृत का प्रयोग किया जाता है | तो आज में आपको बता रहा हु शास्त्रोक्त पद्धति |
पंचामृत के भेद
ॐ पंचामृतं दधि क्षीरं सीता मधु घृतं स्मृतं |
गो दुग्धेनैव दधिना गो घृतेन समन्वितं |
गंगाजलेंन मधुना युक्तं पंचामृतं प्रियं ||
गाय का दूध - गाय के दूध में से बना हुआ घी - दही - मधु यानी शहद - गंगाजल - शर्करा यानी सक्कर यह सभी वस्तुओ को मिश्रित कर जो बनाया जाए उसे पंचामृत कहते है | धन्वंतरि - हेमाद्रि के अनुसार |
पंचामृत का परिमाण
क्षीरा दशगुणं दध्ना घृतेनैव दसोत्तरं |
मधुना तद्दशगुणं सितया तु ततोधिकं ||
दूध से दसगुना दही ले ,
दही से दस गुना घी ले ,
घी से दसगुना मधु यानी शहद ले ,
शहद से दसगुना शर्करा ले यह स्कंदपुराण में बताया हुआ परिमाण है |
पंचामृत का अन्य परिमाण
शर्करा मधु दुग्धं च घृतं दधि समांशकं |
पंचामृतं मिदं प्रोक्तं देहं शुद्धौ विधीयते ||
शर्करा-मधु(शहद)-दूध-घी-दही
यह सभी सामग्री एक सामान ना ज्यादा ना कम सभी सामग्री एक समान मिलाकर बनाया जाए वो पंचामृत कहते है |
महानिर्वाण तंत्र के अनुसार |
|| सदैव इसी शास्त्रोक्त पद्धति से पंचामृत बनाकर भगवान् का अभिषेक करना चाहिए ||
Reviewed by Bijal Purohit
on
2:07 pm
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