मौन व्रत | Moun Vrat |

 

मौन व्रत 

मौन व्रत 


मौनव्रत के क्या लाभ है ?

 कितने लाभ है

क्या क्या फायदे है ?

इसका जवाब है मौनव्रत बहुत ही शक्तिशाली है

मौनव्रत के अनगिनत लाभ है

आइये जाने शास्त्रोक्त प्रमाण और लाभ

मौनव्रत 

उपवासेन यत्पुण्यं तत्पुण्यं मौनभोजने

मौनेन सर्वपापेभ्यो नरो म्युच्येद्संशयं || 

मौनाद्भवति सौभाग्यं मौनाद्रूपं प्रजायते

मौनात्प्रवर्धते कीर्तिस्तस्माद मौनं समाचरेत || 


मौन के लाभ 

मौनात कलहहानीः स्यान्मौनादायुः प्रवर्धते

मौनाच्च प्राप्यते सौख्यं तस्मान्मौनं समाचरेत || 


मौनव्रत के फायदे 

उपवास करने से जो फल प्राप्त होता है

वो पुण्य मौन रहकर भोजन करने से प्राप्त होता है,

मौन से मनुष्य सर्वपापो से मुक्त हो जाते है | इस में कोई संदेह नहीं है

मौन से सौभाग्य और सुन्दर स्वरुप प्राप्त होता है

मौन से यशकीर्ति प्राप्त होते है | मौन से कभी कलह नहीं होता

मौन से स्वस्थता प्राप्त होती है | आयु लम्बी होती है

मौन से सुख-शांति-समृद्धि की प्राप्ति होती है


मौनव्रत कब रखना चाहिये ? 

त्रिषु मौनं सदा कार्यं स्नाने होमे भोजने

मौनेन यत्फलं देव त्रिषु स्थानेषु तच्छृणु || 

स्नाने प्राप्यते तेजो जुह्वतो श्रीयमुत्तमां

भुंजानो लभते चायुस्तस्मान्मौनं समाचरेत || 

वृतेषु त्यज्यते मौनं पुरुषस्या अल्पमेधसः

आयुस्तेजः श्रियातीतस्तस्मान्मौनं समाचरेत || 


श्लोकार्थ 

स्नान करते समय,हवन करते समय और भोजन करते समय सदा मौन 

धारण करना चाहिये

स्नान - मौन रहने से शरीर तेजस्वी रहता है

यज्ञ - मौन रहने से उत्तम लक्ष्मी की प्राप्ति होती है

भोजन - मौन रहने से शरीर ससथ रहता है | आयु लम्बी होती है

इसके अलावा कई व्रतों में मौनधारण करना चाहिये


तीन क्रिया में मौनधारण करने के दुष्परिणाम 

स्नाने चैव हरेत्तेजो जुह्वतोग्निः श्रियं हरेत

भुञ्जानोमृत्युरायुष्यं तस्मान्मौनं समाचरेत || 

स्नान के समय मौन रखने से उसके तेज को महादेव हर लेते है

यज्ञ के समय मौन धारण करने से उनकी लक्ष्मी को अग्नि हरण कर लेता है

भोजन के समय मौनधारण करने से उसका आयु महादेव हर लेते है

इन्ही कारणों से इन तीन क्रियाओ में सदा मौन धारण करना चाहिये


|| अस्तु ||


मौन व्रत | Moun Vrat | मौन व्रत | Moun Vrat | Reviewed by Bijal Purohit on 3:36 am Rating: 5

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