शंख और घंटी मंदिर में किस दिशा में रखनी चाहिए ? shankh puja |


शंख और घंटी मंदिर में किस दिशा में रखनी चाहिए ?
 शंख की स्थापना कैसे करे ? घंटी की स्थापना कैसे करे ? 

शंख और घंटी मंदिर में किस दिशा में रखनी चाहिए ? 

शंख और घंटी मंदिर में किस दिशा में रखनी चाहिए ?
शंख की स्थापना कैसे करे ?
घंटी की स्थापना कैसे करे ?
शंख की स्थापना करने का मंत्र ?

घंटी की प्रार्थना करने का मंत्र ?

ॐ सुदर्शनायास्त्राय फट 
ॐ सुदर्शनायास्राय नमः 

ॐ शंखादौ चन्द्रदैवत्यं कुक्षौ वरुणदेवता | 
पृष्ठे प्रजापतिश्चैवमग्रे गंगासरस्वती || 
त्रैलोक्ये यानि तीर्थानि वासुदेवस्य चाज्ञया | 
शंखे तिष्ठन्ति विप्रेन्द्र तस्माच्छङ्खं प्रपूज्येत || 
ॐ त्वं पुरा सागरोत्पन्नो विष्णुना विधृतः करे | 
निर्मितः सर्वदेवैश्च पछ्ज्चजन्य नमोस्तुते || 

शंख गायत्री मंत्र | 
ॐ पाँचजन्याय विद्महे पावमानाय धीमहि तन्नः शङ्खः प्रचोदयात || 

घण्टी को हमारी बायीं और मंदिर में भगवान् की दायी और रखना चाहिए 
आगमार्थं तु देवानां ग़मनार्थं तु राक्षसां | 
घण्टानादं प्रकुर्वीत पश्चाद घण्टां प्रपूजयेत || 
ॐ भूर्भुवः स्वः गरुडाय नमः || 

शङ्ख को अपनी बायीं और मंदिर या भगवान् की दायी और रखे 
शङ्ख को कभी सीधा जमीन के ऊपर नहीं रखना चाहिए 
शंख को किसी भी चांदी के पात्र या ताम्र पात्र में रखे | 

|| अस्तु ||   
 
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