सूर्य अर्घ्य मंत्र | सूर्य मंत्र | सूर्य अर्घ्य श्लोक | Surya arghya mantra |


सूर्य अर्घ्य मंत्र

सूर्य को अर्घ्य देते समय बोले यह मंत्र

सूर्य अर्घ्य मंत्र | सूर्य मंत्र | सूर्य अर्घ्य श्लोक | Surya arghya mantra |
सूर्य अर्घ्य मंत्र 

|| सूर्य अर्घ्य मंत्र ||
ॐ एहि सूर्य सहस्त्रांशो तेजोराशे जगत्पते |
अनुकम्पय मां भक्त्या गृहाणार्घ्यं नमोस्तुते ||

ताम्रकलश में जल के साथ गंध यानी कुमकुम-चन्दन-अक्षत डालकर यह मंत्र बोले 

ॐ अर्घ्यं गृहाण देवेश गन्धपुष्पाक्षतैः सह |
करुणां कुरु में देव गृहाणार्घ्यं नमोस्तुते ||

सूर्य को अर्घ्य देने के बाद उसमे से थोड़ा चरणामृत ग्रहण करे

ॐ अकाल मृत्यु हरण सर्वव्याधि विनाशनं |
सूर्य पादोदकं तीर्थं जठरे धारयाम्यहं ||

इस श्लोक को बोलकर जल ग्रहण करने से मनुष्य के सभी पापो का विनाश हो जाता है |

|| सूर्य अर्घ्य मंत्र समाप्तः ||
सूर्य अर्घ्य मंत्र | सूर्य मंत्र | सूर्य अर्घ्य श्लोक | Surya arghya mantra | सूर्य अर्घ्य मंत्र | सूर्य मंत्र | सूर्य अर्घ्य श्लोक | Surya arghya mantra | Reviewed by Bijal Purohit on 3:02 am Rating: 5

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