संस्कृत सुभाषित हिंदी अर्थ सहित | मूर्खो के पांच लक्षण | Sanskrit subhashit |
मूर्खो के पांच लक्षण
![]() |
मूर्खो के पांच लक्षण || सुभाषित || मूर्खस्य पञ्चचिह्नानि गर्वो दुर्वचनं तथा | क्रोधस्य द्रधवाङ्गश्च परवाक्येश्वानादर || |
|| अर्थ ||
मूर्खो के पांच लक्षण होते है |
अहंकार(अभिमानी) चाहे कुछ भी हो मुर्ख लोग अपने अभिमान का त्याग नहीं करते,
दुर्वचन ( कटु वचन )
मुर्ख लोग कभी प्रिय वाणी नहीं बोलते
बिना मतलब का क्रोध करना
अगर कोई अच्छी सलाह दे तो भी उनलोगो के साथ बुरा व्यवहार करना
यह पंचलक्षण मूर्खो के है ||
|| जय श्री कृष्ण ||
संस्कृत सुभाषित हिंदी अर्थ सहित | मूर्खो के पांच लक्षण | Sanskrit subhashit |
Reviewed by Bijal Purohit
on
1:22 pm
Rating:
![संस्कृत सुभाषित हिंदी अर्थ सहित | मूर्खो के पांच लक्षण | Sanskrit subhashit |](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEipdOI3Cqku2yFli8ML_JOHM2nG28Ar1J2wSUjLX8HDVY7odydCt_HJYxqce6D4OSXdfQQxMRYRKp2h1P8f_-51UcjSI60x-Dox5pstmZMvTxFKVUGfmDJEdy6Rv_-XZ5tRvvQY0dKCglc/s72-w640-c-h360/%25E0%25A4%25B8%25E0%25A4%2582%25E0%25A4%25B8%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%2595%25E0%25A5%2583%25E0%25A4%25A4+%25E0%25A4%25B8%25E0%25A5%2581%25E0%25A4%25AD%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25B7%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25A4+%25E0%25A4%25AE%25E0%25A5%2582%25E0%25A4%25B0%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%2596%25E0%25A5%258B+%25E0%25A4%2595%25E0%25A5%2587+%25E0%25A4%25AA%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%2582%25E0%25A4%259A%25E0%25A4%25B2%25E0%25A4%2595%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25B7%25E0%25A4%25A3.png)
कोई टिप्पणी नहीं: