कुमारी स्तोत्रम् | Kumari Stotram |



कुमारी स्तोत्रम्



कुमारी स्तोत्रम्





जगत्पूज्ये जगद्वन्द्ये सर्वशक्ति स्वरुपिणि | 
पूजा गृहाण कौमारि जगन्मातर्नमोस्तुते || १ || 

त्रीपुरां त्रिपुराधारां त्रिबर्षां ज्ञानरूपिणीम् | 
त्रैलोक्य वन्दितां देवीं त्रिमूर्ति पूजयाम्यहम् || २ || 

कालात्मिकां कलातीतां कारुण्यहृदयां शिवाम् | 
कल्याणजननीं देवीं कल्याणीं पूजयाम्यहम् || ३ || 

अणिमादिगुणाधाराम् अकाराद्यक्षरात्मिकाम् | 
अनन्तशक्तिकलां लक्ष्मीं रोहिणीं पूज्याम्यहम् || ४ || 

कामाचारीं शुभा कान्तां कालचक्रस्वरूपिणीम् | 
कामदां करुणोदारां कालिकां पूज्याम्यहम् || ५ || 

चण्डवीरां चण्डमायां चण्डमुण्डप्रभञ्जनीम् | 
पूजयामि सदा देवीं चण्डिकां चण्डविक्रमाम् || ६ || 

सदानन्दकारीं शान्तां सर्वदेव नमस्कृताम् | 
सर्वदेवात्मिकां लक्ष्मीं शाम्भवीं पूजयाम्यहम् || ७ || 

दुर्ग्गमे दुस्तरेयार्य्ये भवदुःखविनाशिनिम् | 
पूजयामि सदा भक्त्या दुर्गां दुर्ग्गार्त्तिनाशिनीम् || ८ || 

सुन्दरीं सर्व्ववर्णाभां सुखसौभाग्यदायिनीम् | 
सुभद्राजननीं देवीं सुभद्रां पूजयाम्यहम् || ९ || 

|| इति कुमारी स्तोत्र सम्पूर्णम् ||
कुमारी स्तोत्रम् | Kumari Stotram | कुमारी स्तोत्रम् | Kumari Stotram | Reviewed by Bijal Purohit on 2:58 am Rating: 5

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