सूर्य स्तोत्र | सूर्य २१ नाम | Surya 21 Naam Hindi |


सूर्य स्तोत्र 
सूर्य २१ नाम 

सूर्य स्तोत्र 


कृष्ण के पुत्र साम्ब रोग मिट गए थे 
सहस्त्र नामो के बराबर फल देने वाले भगवान् सूर्य के २१ नाम 
हमारे शास्त्रों का कथन है की 
आरोग्यं  भास्करादिच्छेत् 
अर्थात्
आरोग्य की कामना के लिए भगवान् सूर्य की उपासना करनी चाहिये 
इस नामो के स्मरण से सभी पापो का विनाश हो जाता है 
और खासकर जब नेत्ररोग,हृदयरोग,चार्म रोग और कुष्ठ रोग से
 जब पीड़ित हो तब अवश्य  इन नामो का  करना स्मरण चाहिए 
भगवान् सूर्य की उपसना करनी चाहिए |
तो ऐसा ही एक शास्त्रोक्त प्रयोग में आज आपको बताऊंगा 
जब भगवान् श्री कृष्ण के पुत्र साम्ब जब कोढ़ रोग से पीड़ित हुए तब 
उन्होंने जो सूर्य की उपासना की थी वो आज आपको बताऊंगा

संक्षिप्त कथा के साथ 
भगवान श्रीकृष्ण और जांबवती के पुत्र साम्ब अतिसुन्दर और शक्तिशाली थे 
किन्तु उन्हें सुंदरता का बहुत ही अभिमान था और वही उनका पतन का कारण बना 
एक बार दुर्वासा मुनि भ्रमण करते करते द्वारिका पूरी में आये लेकिन वो तपस्वी होने कारण 
उनके तप के कारण वो काफी दुबले हो चुके थे उनका ऐसा शरीर देखकर 
साम्ब ने उनका उपहास किया । और उसी क्षण दुर्वासा मुनि ने उन्हें शाप दिया तुम अभी कोढ़ी 
हो जाओ और वो साम्ब वही पर कोढ़ी हो गए । शाप का प्रभाव इतना अधिक था की भयंकर 
कुष्ठ रोगी हो गए कई वैद्यो को बुलाकर काफी उपचार किये किन्तु उनका कुष्ठ रोग नहीं मिटा । 
फिर श्री कृष्ण भगवान के उपदेश से उनसे दीक्षा ग्रहण कर साम्ब प्रतिदिन सूर्योपासना करने लगे
भगवान् सूर्य के सहस्त्र नामो का पाठ करने लगे । इसी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान सूर्य एक दिन साम्ब को स्वप्न में दर्शन देकर कहते है 
हे साम्ब तुम्हे मेरे सहस्त्र नामो से स्तुति करने की आवश्यकता नहीं है । 
में तुम्हे अत्यंत पवित्र और गोपनीय इक्कीस नाम सुनाता हु । 
जिसके स्मरण मात्र से मेरे सहस्त्र नामो का फल प्राप्त होगा । 
जो मनुष्य प्रातः और सायं काल ( दोनों संध्याओ के समय )
इस स्तोत्र का या नामो का पाठ करेगा वे समस्त पापो से 
मुक्त होकर धन-संपत्ति-, संतान आदि मनोकामनाओ को प्राप्त करेगा 
और चर्मरोग, नेत्ररोग, कुष्ठ रोग आदि समस्त रोगो से मुक्त हो जायेगा । 
भगवान सूर्य ने जो श्रीकृष्ण पुत्र साम्ब को जो २१ नाम बताये थे वो 
सूर्यस्तोत्र  और सूर्यस्तवराज से भी प्रचलित है । 


सूर्य स्तोत्र २१ नामावली 

१  विकर्तन 
२ विवस्वान 
३ मार्तण्ड 
४ भास्कर 
५ रवि
६ लोकप्रकाशक 
७ श्रीमान्
८ लोकचक्षु 
९  ग्रहेश्वर 
१० लोकसाक्षी 
११ त्रिलोकेष 
१२ कर्ता
१३ हर्ता
१४ तमिस्रहा 
१५ तपन 
१६ तापन 
१७ शुचि 
१८ सप्ताश्ववाहन
१९ गभस्तिहस्त 
२० ब्रह्मा
२१ सर्वदेवनमस्कृत

इस तरह से भगवान् के इन २१ नामो का कृष्णपुत्र साम्ब नित्य स्मरण करने लगे 
और इन्ही नामो की उपासना से सूर्य भगवान् प्रसन्न होकर साम्ब को सुंन्दर स्वरुप प्राप्त करने का वरदान देते है और वही वो कुष्ठ रोग से मुक्त हो जाते है ।
ये इक्कीस नाम सूर्य भगवान को परमप्रिय है इसी स्तोत्र के माहात्म्य में भगवान ने कहा है 
जो कोई भी मेरे इन नामो का स्मरण करेगा
वो संध्या-जाप-हवन-बलि-नमस्कार-प्रदक्षिणा आदि का फल प्राप्त करेगा 
और सर्वशुभफल प्राप्त करेगा ||

|| अस्तु || 

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