ग्रह पीड़ा निवारण धातु की अंगूठी |
ग्रह पीड़ा निवारण धातु की अंगूठी
किसी ग्रह की दशा ठीक न होने पर जिस तरह रत्न व मूल धारण का विधान मिलता है उसी तरह धातुकी अंगूठी के प्रयोग का भी विधान आता है जो निम्न प्रकार से है |
रवि - ताँबा की अंगूठी सोमवार के दिन प्रातःकाल गाय के दूध व धृत में डुबोकर मन्त्र जाप करते हुए धारण करे |
चन्द्र - शंख की अंगूठी सोमवार के दिन प्रातःकाल गाय के कच्चे दूध व श्वेत चन्दन में डुबोकर मन्त्र जाप करते हुए धारण करे |
मंगल - स्वर्ण की अंगूठी मंगलवारके दिन प्रातःकाल गाय के कच्चे दूध में डुबाकर मन्त्र जाप करते हुए धारण करे |
बुध - चांदी की अंगूठी बुधवार के दिन प्रातःकाल गाय का कच्चा दूध, धृत, मधु व श्वेत चन्दन में डुबोकर मन्त्र जाप करते हुए धारण करे |
गुरु - चांदी की अंगूठी गुरुवार के दिन प्रातःकाल धृत, चन्दन व शुद्ध जल में डुबोकर मन्त्र जाप करते हुए धारण करे |
शुक्र - प्लैटिनम की अंगूठी शुक्रवार को प्रातःकाल गाय का कच्चा दूध व मधु में डुबोकर मन्त्र जाप करते हुए धारण करे |
शनि - शीशे की अंगूठी शनिवार संध्या समय गाय के कच्चे दूध में डुबोकर मन्त्र जाप करते हुए धारण करे |
राहु - लोहे की अंगूठी शनिवार को दोपहर्व के समय दूध में डुबोकर मन्त्र जाप करतते हए धारण करे |
केतु - शीशे की अंगूठी शनिवार या मंगलवार को दूध में डुबोकर मन्त्र जाप करते हुए धारण करे |
वृहत् ज्योतिष वारिधि में निम्न रुप से बताया गया है |
रवि - ताँबा, स्वर्ण व प्लैटिनम की अंगूठी धारण
करे |
चन्द्र - चांदी की अंगूठी धारण करे |
मंगल - रक्त वर्ण ताँबा की अंगूठी धारण करे |
बुध - पीतल की अंगूठी धारण करे |
|| अस्तु ||
ग्रह पीड़ा निवारण धातु की अंगूठी |
Reviewed by Bijal Purohit
on
4:31 pm
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